प्राणायाम क्या है।
अगर देखा जाय तो प्रणायाम दो शब्दों से मिलकर बना है। प्राण और आयाम से। प्राण का अर्थ ऊर्जा तथा जीवन शक्ति है। और आयाम का अर्थ ऊर्जा को नियंत्रित करना है। प्राणायाम का तात्पर्य एक ऐसी क्रिया से है। जिसका अर्थ प्राण का प्रसार करना। अनेक विद्वानों ने प्रणायाम को अलग अलग मतो से परिभाषित किया है।
प्राण के भेद
प्राण के भेद इस प्रकार से है।
1 उदान।
2 प्राण।
3 अपान।
4 ब्यान।
5 समान।
प्राणायाम के भेद
1 कुम्भक
2 रेचक
3 पूरक
प्राणायाम से सम्बंधित निर्देश।
1 प्राणायाम हमेशा प्रातकाल में होना चाहिए।
2 आसनो के बाद ही प्राणायाम करना चाहिए।
3 प्राणायाम अभ्यास की जगह साफ तथा शांत होनी चाहिए।
4 भोजन के तुरंत बाद प्राणायाम नही करना चाहिए।
5 प्राणायाम किसी भी पंखे के नीचे या चारपाई में नही होना चाहिए।
6 जहाँ पर प्राणायाम करते है। उस जगह में पर्याप्त हवा और प्रकाश होना चाहिए।
प्राणायाम के लाभ
प्राणायाम के अभ्यास से स्थिर मन और दृढ़ इच्छा-शक्ति प्राप्त होती है। अगर आपकी कोई नाड़ी रुकी हुई हो तो प्राणायाम उसको खोल देता है। प्राणायाम का अभ्यास तनाव, अस्थमा से संबंधित विकारों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। प्राणायाम से अवसाद का इलाज भी किया जा सकता है। इसके अलावा नियमित रूप से प्राणायाम करने से लंबी आयु प्राप्त होती है।प्राणायाम आपके शरीर में प्राण शक्ति बढ़ाता है।प्राणायाम मन को स्पष्टता और शरीर को सेहत प्रदान करता है।
सूर्य नमस्कार क्या है।
सूर्य नमस्कार' का अर्थ सूर्य को अर्पण या नमस्कार करना है। यह योग आसन शरीर को सही आकार देने और मन को शांत व स्वस्थ रखने का उत्तम तरीका है। प्रत्येक सूर्य नमस्कार के चरण में 12 आसनों के दो क्रम होते हैं। सूर्य नमस्कार सम्पूर्ण योग व्यायाम का लाभ पहुंचाने में समर्थ है। इसके अभ्यास से साधक का शरीर निरोग और स्वस्थ होकर तेजस्वी हो जाता है। 'सूर्य नमस्कार' स्त्री, पुरुष, बाल, युवा तथा वृद्धों सभी के लिए उपयोगी है। सूर्य नमस्कार के 13 मंत्र होते हैं।
सूर्य नमस्कार के मंत्र
1. ओम भानवे नमः
2. ओम खगाय नमः
3. ओम मित्राय नमः
4. ओम सूर्याय नमः
5. ओम रवये नमः
6. ओम पूष्णे नमः
7. ओम आदित्याय नमः
8. ओम अर्काय नमः
9. ओम भास्कराय नमः
10. ओम सवित्रे नमः
11. ओम मरीचये नमः
12. हिरण्यगर्भाय नमः
13. ओम सूर्यनारायण: नमः
सूर्य नमस्कार के लाभ
सूर्य नमस्कार करने से बहुत लाभ होता हैं। जो इस प्रकार से है।
सूर्य नमस्कार करने से स्वास्थ्य निखरता है। पाचन तंत्र मजबूत होता है। सूर्य नमस्कार करने से पेट कम होता है।
डिटॉक्स करने में मिलती है मदद ,हर प्रकार की चिंता दूर होती है। शरीर में लचीलापन आता है। जिन लड़कियों और महिलाओं को मासिक धर्म सही टाइम पर नही होता है। तो सूर्य नमस्कार करने से मासिक-धर्म रेगुलर होता है। इससे रीढ़ की हड्डी मजबूत होती हैं।
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