आसन : आसन शरीर तथा मन को स्वस्थ रखने के लिए महर्षि पतंजलि ने आसनो का उल्लेख किया है। योग में आसनो का विशेष महत्व है। शरीर के विभिन अंगो पर नियंत्रण रखते हुए। उन्हें विशिष्ट स्थिति में बनाये रखने को आसन कहते हैं।
आसन के प्रकार
ग्रन्थ संहिताओं में 84 प्रकार के आसनो का उल्लेख किया है। आसनो को तीन भागों में बांटा गया है।
1.ध्यान के आसन।
2.चिकित्सा के आसन।
3.व्यायाम के आसन।
1.ध्यान के आसन: सुखासन, स्वस्तिकासन, पद्मासन।
2. व्यायाम के आसन : ताड़ासन, उत्तानपाद आसन, पवनमुक्तासन, आदि।
3.चिकित्साकेआसन:चक्रासन,सर्वागासन,हलासन। ये आसन कही न कही चिकित्सा के लिये प्रयोग में लाये जाते हैं।
आसनो से मिलने वाले लाभ।
नोट :आसन निम्न प्रकार के होते हैं। जो इस प्रकार से है।
पद्मासन | मुद्रासन | सिद्धासन | स्वस्तिकासन |
---|---|---|---|
बज्रासन | शीर्षासन | सर्वागासन | मत्स्यासन |
उत्तानपादासन | सेतुकासन | चक्रासन | सुप्तवज्रासन |
हलासन | कर्णपीडासन | पवनमुक्तासन | शवासन |
धनुरासन | शलभासन | मयूरासन | भुजंगासन |
वृश्चिकासन | गरुड़ासन | वृक्षासन | कोणासन |
गोमुखासन | पश्चिमोत्तानासन | अर्धमत्स्येंद्रासन | उष्ट्रासन |
मुक्तासन | मंडूकासन | कच्छपासन | बकासन |
गर्भासन | गोरक्षासन | वीरासन | तोलासन |
पक्षीआसन | जानुशीर्षासन | अकर्णधनुरासन | मत्स्येन्द्रासन |
सिहासन | योगमुद्रासन | मृगासन | गुप्तासन |
पर्वतासन | नौकासन | मकरासन | मुक्तासन |
वृषसन | संकटासन | नटवरासन | योगेंद्रसन |
हंसासन | मर्कटासन | बातासन | पादहस्तासन |
दिपादस्कंधासन | एकपादस्कंधासन | पादसिरासन |
चिकटासन |
त्रिकोणासन | लतासन |
उत्कटासन |
शुतुरमुर्गासन |
Nice yarr...bahut achha kar rahe ho bahut jald
ReplyDeleteNumber1 ban jaoge
Nice
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